ॐ जय जगदीश हरे आरती | श्री विष्णु आरती | Vishnu aarti

श्री विष्णु आरती (Shri Vishnu Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे।

ॐ जय जगदीश हरे॥

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का।


ॐ जय जगदीश हरे॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी।


ॐ जय जगदीश हरे॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी।


ॐ जय जगदीश हरे॥

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता।


ॐ जय जगदीश हरे॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति।


ॐ जय जगदीश हरे॥

दीनबंधु दुःखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे।


ॐ जय जगदीश हरे॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा।


ॐ जय जगदीश हरे॥

श्री विष्णु आरती के लाभ

  1. मानसिक शांति: आरती से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
  2. भक्ति भावना: भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और भक्ति बढ़ती है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक वातावरण बनता है।
  4. संकटों से रक्षा: विष्णु जी की कृपा से जीवन के संकट दूर होते हैं।
  5. आध्यात्मिक विकास: आरती से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  6. सुख-समृद्धि: घर में सुख और समृद्धि आती है।

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