भगवान विष्णु के दस प्रमुख अवतारों को “दशावतार” कहा जाता है। ऐसा माना जाता है, ये अवतार हर युग में अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए, लिए गए हैं।
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। जब – जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, और धर्म संकट में पड़ता है, तब-तब भगवान विष्णु विभिन्न रूपों में अवतार लेकर संसार की रक्षा करते हैं।
इन्हीं दिव्य अवतारों को ‘दशावतार’ या फिर भगवान विष्णु के दस अवतार कहा जाता है।
ये दस अवतार मानव सभ्यता के विभिन्न कालों में लिए गए, जिनका उद्देश्य अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करना रहा है। दशावतार की ये गाथा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश भी देती है।
साथ ही में अगर आप विष्णु भगवन की गाथा को सुनाने वाली विष्णु चालीसा या फिर विष्णु आरती के बारे में पढ़ना चाहते हैं, तो आप वो भी पढ़ सकते हैं।

Vishnu ji ke 10 avatar
- मत्स्य
- कूर्म
- वराह
- नरसिंह
- वामन
- परशुराम
- राम
- कृष्ण
- बुद्ध
- कल्कि
मत्स्य अवतार (Fish) – जब प्रलय आई थी, तब भगवान विष्णु ने एक मछली का रूप लिया और वैवस्वत मनु की नाव को सुरक्षित रखा, जिसमें समस्त प्रजातियाँ और वेद थे।
कूर्म अवतार (Turtle) – समुद्र मंथन के समय मंदराचल पर्वत को स्थिर रखने के लिए भगवान विष्णु ने कच्छप (कछुए) का रूप लिया।
वराह अवतार (Boar) – हिरण्याक्ष नामक राक्षस ने पृथ्वी को पाताल में ले गया था। भगवान विष्णु ने वराह (सूअर) का रूप लेकर उसे मार दिया और पृथ्वी को बाहर निकाला।
नरसिंह अवतार (Half-Man, Half-Lion) – हिरण्यकशिपु को मारने के लिए भगवान ने आधे सिंह और आधे मानव का रूप लिया। उन्होंने उसे चौखट पर, संध्या समय, अपने नाखूनों से मारा, जिससे वरदान भी बना रहे और अधर्म का नाश भी हो जाए।
वामन अवतार (Dwarf Brahmin) – राजा बलि से तीन पग भूमि माँग कर भगवान विष्णु ने ब्रह्मचारी वामन रूप में उनका घमंड तोड़ा और उन्हें पाताल भेज दिया।
परशुराम अवतार – भगवान ने ब्राह्मण योद्धा रूप में परशुराम का अवतार लिया और अधर्मी क्षत्रियों का विनाश किया।
राम अवतार – त्रेता युग में भगवान राम के रूप में जन्म लिया और रावण का वध कर धर्म की स्थापना की। रामायण इसी पर आधारित है।
कृष्ण अवतार – द्वापर युग में श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया। महाभारत, गीता का उपदेश, कंस का वध, धर्म की रक्षा आदि कार्य किए।
बुद्ध अवतार – भगवान बुद्ध को विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। उन्होंने करुणा और अहिंसा का मार्ग दिखाया।
कल्कि अवतार (Coming in the future) – यह अवतार अभी हुआ नहीं है। कहा जाता है कि कलियुग के अंत में विष्णु जी घोड़े पर सवार होकर तलवार के साथ प्रकट होंगे और अधर्म का नाश करेंगे।
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